CAA ने नागरिकता देने के गांधी के वादे को पूरा किया है – आरिफ मो. खान

CAA ने नागरिकता देने के गांधी के वादे को पूरा किया है – आरिफ मो. खान
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केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नागरिकता संशोधन कानून की पुरजोर वकालत करते हुए कहा कि यह कानून पाकिस्तान में उत्पीड़न का सामना करने वाले अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए महात्मा गांधी द्वारा किए गए ‘वादों’ को पूरा करता है। दिल्ली में एक टीवी शो के कार्यक्रम में सवालों का जवाब देते हुए खान ने कहा, ‘महात्मा गांधी ने 7 जुलाई, 1947 को लिखा था कि यदि हिंदू और सिख पाकिस्तान में नहीं रहना चाहते तो उन्हें पूरा हक है कि वे आकर भारत में रहें। यह भारत सरकार का कर्तव्य है कि वह उन्हें रोजगार, नागरिकता और अन्य सभी सुविधाएं मुहैया कराए जिससे वे भारत में एक अच्छे नागरिक बन सकें। केरल के राज्यपाल ने कहा कि ‘सीएए केवल कानूनी शक्ल है उस वादे की, जो वादा महात्मा गांधी और दूसरे लीडरों ने पाकिस्तान के उन लोगों के साथ किया था जिन्होंने हमारे साथ मिलके आजादी की लडाई लड़ी थी , लेकिन वो हमारे उस फैसले के शिकार बन गए जिसमें हमने पाकिस्तान और देश के बंटवारे को स्वीकार कर लिया। उनसे किया हुआ वादा है जिसे हमने कानूनी शक्ल दिया है। सीएए को एनआरसी या एनपीआर के साथ मिलाकर नहीं देखा जाना चाहिए।’ आरिफ मोहम्मद खान कहा कि 1950 में जब नेहरू-लियाकत पैक्ट हुआ तब दोनों देशों ने अपने-अपने यहां अल्पसंख्यकों को पूरी सुरक्षा देने का फैसला किया था। उस वक्त वेस्ट (पश्चिमी) पाकिस्तान में गैर-मुस्लिम आबादी 17 प्रतिशत थी, बांग्लादेश में गैर-मुस्लिम आबादी 30 प्रतिशत थी। वहीं हिन्दुस्तान में 4 करोड़ मुसलमान थे जबकि आज 20 करोड़ से ज्यादा मुसलमान भारत में हैं। आरिफ मोहम्मद खान ने कहा: ‘तो हमने अपनी जिम्मेदारी अदा की है या नहीं की ? और पाकिस्तान में क्या हो रहा है? 2019 की रिपोर्ट कह रही है कि हजार से ज्यादा लड़कियों का हर साल अपहरण हो रहा है। पाकिस्तान के इस्लामाबाद हाईकोर्ट के जज पूछ रहे हैं कि आखिरकार सिर्फ यंग लड़कियों का ही जबरन इस्लाम में कन्वर्जन क्यों होता है ?’

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