जनजातियों की कला-संस्कृति, परंपरा एवं रीति-रिवाज समृद्ध : राज्यपाल

जनजातियों की कला-संस्कृति, परंपरा एवं रीति-रिवाज समृद्ध : राज्यपाल
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रांची

झारखंड की राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि जनजातियों की कला, संस्कृति, लोक साहित्य, परंपरा एवं रीति-रिवाज समृद्ध रही है। राज्यपाल ने ऐतिहासिक आड्रे हाउस में ‘आदि दर्शन’ पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि सभी जानते हैं कि हमारे देश की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा जनजातियों का है। अति प्राचीन काल से ही जनजातीय समुदाय भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के अभिन्न अंग रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनजातियों की कला, संस्कृति, लोक साहित्य, परंपरा एवं रीति-रिवाज समृद्ध रही है। वहीं द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि जनजातीय गीत एवं नृत्य बहुत मनमोहक है। ये प्रकृति प्रेमी हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न अवसरों पर हम यह देखते हैं कि जनजातियों के गायन और नृत्य उनके समुदाय तक ही सीमित नहीं हैं, सभी के अंदर उस पर झूमने के लिए इच्छा जगा देती है।

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