धार्मिक संगठनों को किसी शादी को तोड़ने का अधिकार नहीं है: HC

धार्मिक संगठनों को किसी शादी को तोड़ने का अधिकार नहीं है: HC
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चेन्नई
मद्रास हाई कोर्ट ने एक कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि धार्मिक संगठनों को न तो किसी शादी को तोड़ने का अधिकार है और न ही उन्हें इसकी इजाजत देने की ताकत है। अदालत ने कहा है कि जमात या किसी अन्य धार्मिक संगठन द्वारा ऐसा करना आपत्तिजनक है और संबंधित अथॉरिटी को ऐसे संगठनों से सख्ती से पेश आना चाहिए।
कोर्ट ने धार्मिक संगठनों द्वारा पहली शादी के बाद तलाक देकर दूसरी शादी को प्रोत्साहित करने पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, महिला किसी भी धर्म की हो सकती है लेकिन जब पति उसे छोड़ देता है तो वह बेसहारा के रूप में पुकारी जाती है। किसी बेसहारा महिला और उसके बच्चों को होने वाले कष्ट को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।

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