उत्तराखंड : केदारनाथ में पिछले सात साल में क्रैश हो चुके हैं 4 हेलीकॉप्टर

उत्तराखंड : केदारनाथ में पिछले सात साल में क्रैश हो चुके हैं 4 हेलीकॉप्टर
Spread the love

रुद्रप्रयाग
केदारनाथ जल प्रलय के बाद यहां रेस्क्यू अभियान में सेना के एमआई-17 सहित 4 हेलीकॉप्टर क्रैश हुए हैं। जबकि 3 घटनाएं होने से बाल बाल बची हैं। इन दुर्घटनाओं में वायु सेना के 20 अधिकारी जवानों समेत 2 प्राइवेट हेलीकॉप्टर के पायलट और कोपायलट की मौत हुई है। सात सालों में हेलीकॉप्टर क्रैश होने की चार घटनाओं में तीन घटनाएं महज वर्ष 2013 में ही घटित हुई, जिसका प्रमुख कारण खराब मौसम रहा। केदारनाथ धाम के लिए वर्ष 2003 से हेलीकॉप्टर सेवा शुरू होने के बाद पहली बार वर्ष 2010 में केदारनाथ धाम में एक प्राइवेट हेली के पंखे से एक स्थानीय व्यक्ति का सिर कटने की घटना हुई। तब स्थानीय लोगों में हेली कंपनियों के खिलाफ जबर्दस्त आक्रोश देखा गया। इसके बाद 16 और 17 जून 2013 को आई भीषण आपदा के बाद राहत बचाव के लिए वायु सेवा के एमआई-17 सहित कई प्राइवेट कंपनियों ने राहत बचाव में योगदान दिया।
इसी दौरान 21 जून 2013 को एक प्राइवेट हेलीकॉप्टर गरुड़चट्टी के पास पहाड़ी से टकराकर क्रैश हो गया। इस दुर्घटना का कारण केदारघाटी का खराब मौसम रहा। घटना को चार दिन नहीं हुए कि 25 जून 2013 को सेना का एक एमआई-17 राहत बचाव के दौरान गौरीकुंड और रामबाड़ा के बीच घनी पहाड़ियों में कोहरे और खराब मौसम में क्रैश हो गया। यह हेलीकॉप्टर दुर्घटना सेना के लिए भी बड़ी घटना थी। इस घटना में सेना के पायलट, कोपायलट सहित 20 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद 24 जुलाई 2013 को केदारघाटी में एक और हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। इसमें एक कोपायलट और एक इंजीनियर की मौत हो गई। जबकि 3 अप्रैल 2018 को सेना का एमआई-17 बिजली के तार से उलझकर क्रैश हो गया। हालांकि इस घटना में सभी सुरक्षित बच गए। इस तरह केदारघाटी में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं से जुड़ी घटनाओं में 23 मौतें हो चुकी हैं। इधर यात्रा सीजन और अन्य स्थितियों में तीन घटनाएं होते होते बचीं।

Admin

Admin

9909969099
Right Click Disabled!