NRC में बाहर हुए लोगों की करा दो नसबंदी
ऑल इंडिया रेडियो में प्रोग्राम प्रोड्युसर और केरल की लेखिका केआर इंदिरा पर असम (Assam) में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) की अंतिम सूची जारी होने के बाद फेसबुक पर घृणा फैलाने वाली पोस्ट लिखने को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया है. उन पर सोशल मीडिया के जरिये समुदायों के बीच घृणा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है. उन्होंने यह पोस्ट 1 सितंबर को लिखी थी. हालांकि, अब उनके फेसबुक अकाउंट पर यह पोस्ट दिख नहीं रही है.
इंदिरा ने लिखा था कि एनआरसी से बाहर हुए लोगों की नसबंदी कर डिटेंशन कैंपों में डाल देना चाहिए. जब एक फेसबुक यूजर ने उनकी पोस्ट की आलोचना की तो उन्होंने एक कदम आगे बढ़ते हुए कहा कि खास समुदाय के लोगों के पानी में गर्भनिरोधक दवाइयां मिला देनी चाहिए ताकि वे जनसंख्या न बढ़ा सकें और दुनिया को उनसे बचाया जा सके. उन्होंने यह पोस्ट एनआरसी का विरोध करने वाले लोगों के खिलाफ लिखी थी. बता दें कि असम में एनआरसी की अंतिम सूची से 19 लाख से ज्यादा लोगों को बाहर कर दिया गया है.
मानवाधिकार कार्यकर्ता की शिकायत पर दर्ज किया मामला
केआर इंदिरा के खिलाफ केरल पुलिस अधिनियम की धारा-120ओ और आईपीसी की धारा-153ए के तहत मामला दर्ज किया गया है. विभिन्न समूहों के बीच धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, भाषा के आधार पर घृणा को प्रोत्साहित करने के मामले में धारा-153ए लगाई जाती है, जबकि धारा-120ओ संचार के किसी माध्यम के जरिये उपद्रव को बढ़ावा देने के मामले में लगाई जाती है. कोडनगल्लूर पुलिस ने मानवाधिकार कार्यकर्ता एमआर विपिनदास की शिकायत पर इंदिरा के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
इंदिरा के खिलाफ मामला दर्ज कराने वालों में सामाजिक कार्यकर्ता-लेखक रेखा राज, वकील श्रीजित पुरुमना और स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन के प्रदेश महासचिव बनास टी. भी शामिल हैं. इन्होंने इंदिरा के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है. रेखा ने कहा कि उन्होंने नैतिकता के आधार पर शिकायत दर्ज कराई है. साथ ही इंदिरा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने से लोगों में स्पष्ट संदेश जाएगा कि लोकतांत्रिक समाज ऐसी टिप्पणियों के खिलाफ खड़ा है. कुछ लोगों ने कहा कि इंदिरा को ऑल इंडिया रेडियो में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. इंदिरा ने सतरैना कामसूत्रम और मलयाली लैंगीकथा लिखी है.