NRC: महाराष्ट्र सरकार ने मांगी डिटेंशन सेंटर के लिए तीन एकड़ जमीन
मुंबई
महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने अवैध प्रवासियों (घुसपैठियों) के लिए राज्य का पहला डिटेंशन सेंटर (हिरासत केंद्र) बनाने के संबंध में जगह तय कर ली है। राज्य के गृह विभाग ने पिछले हफ्ते नवी मुंबई की प्लानिंग अथॉरिटी सिडको (CIDCO) को खत लिखकर डिटेंशन सेंटर के लिए नेरुल में तीन एकड़ जमीन मांगी है। असम में हाल ही में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस) की अंतिम सूची जारी होने के बाद इसे अहम माना जा रहा है। इसमें तकरीबन 19 लाख लोग जगह बनाने में नाकाम रहे थे। जो लोग NRC से बाहर हैं उनके पास फॉरेनर्स ट्राइब्यूनल में अपील करने के लिए अभी 90 दिन का वक्त है और उन पर डिटेंशन सेंटर में भेजे जाने का खतरा मंडरा रहा है। गृह विभाग के सूत्रों ने नेरुल में प्रस्तावित डिटेंशन सेंटर की तय जगह बताने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि प्लॉट पर एक भवन है, जिसका हाल ही में एक एनजीओ द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा था। प्रमुख सचिव (स्पेशल) गृह अमिताभ गुप्ता ने बताया कि डिटेंशन सेंटर के लिए जगह चुनने की प्रक्रिया जुलाई में शुरू हुई थी, जब केंद्र सरकार ने इस संबंध में सभी राज्य सरकारों को निर्देश भेजे थे। केंद्र सरकार द्वारा जारी मॉडल डिटेंशन मैनुअल-2019 के मुताबिक जिस शहर या जिले में अप्रवासियों की बड़ी तादाद हो, वहां डिटेंशन सेंटर होना चाहिए। 2019 के आम चुनाव के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (उस वक्त बीजेपी अध्यक्ष) ने देशभर में एनआरसी को लागू करने का वादा किया था। बीजेपी के चुनावी घोषणा पत्र में भी इस वादे को शामिल किया गया था।