राज्य विकास दर सात प्रतिशत करने में जुटी योगी सरकार
लखनऊ। जबरदस्त मंदी के बीच योगी सरकार प्रदेश की विकास दर को सात प्रतिशत लाने के लिए कदम बढ़ा चुकी है। 2018-19 में राष्ट्रीयनिर्यात की वृद्धि दर जहां 18 प्रतिशत थी, उसमें यूपी की 28.18 फीसदी रही। पिछले दो वर्षों में करीब 25 हजार करोड़ रुपये निर्यात में वृद्धि हुई है। 2018-19 में 1,14,000 करोड़ का निर्यात हुआ। इन सेक्टर में और बेहतर करने के प्रयास हो रहे हैं।अतिरिक्त राजस्व जुटाने को यह किए जा रहे प्रयास जिसमें बिजली दरों में 12 प्रतिशत की वृद्धि से 3,872 करोड़ रुपये अतिरिक्त जुटेंगे।पेट्रोल पर 2.35 रुपये व डीजल पर 98 पैसे वैट बढ़ाने से 4000 करोड़ की अतिरिक्त आय होगी।आबकारी सेक्टर से रोज 100 करोड़ रुपये तक आय बढ़ाने की संभावनाओं पर गौर करने को कहा गया है।
योगी सरकार ने आठ लाख मौजूदा कर्मचारियों के छह भत्ते खत्म किए, इसमें परिवार कल्याण भत्ता भी शामिल। प्रदेश सबसे बड़ा उपभोक्ता राज्य है, यहां जीएसटी प्राप्तियां और बढ़ाने के प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं।परिवहन विभाग को बस अड्डों को अत्याधुनिक कर वाणिज्यिक उपयोग बढ़ाकर आय बढ़ाने को कहा गया है।कृषि फार्मों को पीपीपी मॉडल पर चलाने के लिए निजी कंपनियों को देने पर विचार करने के निर्देश।सरकारी सिस्टम के प्रत्येक वाहन को जीपीएस से जोड़कर अनावश्यक उपयोग रोककर पेट्रोल-डीजल के मद में बड़ी कमी की जा सकती है।
प्रदेश सरकार केंद्र की तरह अर्थव्यवस्था पर मंदी की आशंकाओं को न्यूनतम स्तर पर रोकने और राज्य की आय बढ़ाने के प्रयासों में जुट गई है। पेट्रोल-डीजल व बिजली की दरें बढ़ाने के अलावा वाहनों की नंबर पोर्टेबिलिटी के जरिए आय बढ़ाने की व्यवस्था पर अमल शुरू हो गया है। जीएसटी और आबकारी के साथ उन सेक्टरों में भी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं, जहां से थोड़ी सी भी आय की गुंजाइश है।शासन के एक आला अधिकारी ने बताया कि प्रदेश सरकार वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 7 प्रतिशत विकास दर का लक्ष्य लेकर चल रही है। यहां अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि आधारित है। चालू सीजन में प्रदेश को सूखा या बाढ़ जैसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा है। इसलिए, कृषि विकास दर में राष्ट्रीय स्तर की अपेक्षा मामूली गिरावट की आशंका है। यहां कृषि उत्पादन अन्य राज्यों की अपेक्षा बेहतर रहने का अनुमान है।सरकार की कोशिश है कि अतिरिक्त प्रयासों से राज्य की विकास दर सात प्रतिशत प्राप्त करने के लिए सभी प्रयास किए जाएं। प्रदेश में निवेश व रोजगार के मोमेंटम को बनाए रखने के लिए इन्वेस्टर्स समिट में एमओयू से जुड़े प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने का प्रयास तेजी से हो रहा है। चालू वित्त वर्ष के बीच एक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट व एक ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा सूक्ष्म व लघु उद्यम सेक्टर अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराते हैं।सरकार एमएसएमई सेक्टर में ऋण वितरण की नई मुहिम शुरू करने जा रही है। अर्थव्यवस्था पर इस मुहिम का सकारात्मक असर पड़ेगा। इसके अलावा अन्य सेक्टर में आय बढ़ाने की संभावना पर भी काम किया जा रहा है। सरकार निजी सेक्टर के साथ सरकारी स्तर पर भी रोजगार के अधिकतम अवसर देने पर फोकस बनाए हुए है। सभी चयन व भर्ती आयोगों को रिक्त पदों पर नौकरियां देने की कार्यवाही तेजी से करने को कहा गया है। पिछले कुछ दिनों से इसके नतीजे आने लगे हैं। इसी तरह प्रदेश सरकार फिजूलखर्ची और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए ठोस काम कर रही है। एलईडी लाइट लगाकर व ई-पॉस मशीन से खाद्यान्न वितरण कर करीब 1,000 करोड़ रुपये बचाए हैं। इसके अलावा निर्यात बढ़ाने पर फोकस किया गया है।