भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते हटाए गए त्रिपुरा विश्वविद्यालय के कुलपति

भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते हटाए गए त्रिपुरा विश्वविद्यालय के कुलपति
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नई दिल्ली: 

मानव संसाधन मंत्रालय ने त्रिपुरा विश्वविद्यालय (केंद्रीय) के कुलपति (वीसी) प्रोफेसर विजयकुमार लक्ष्मीकांतराव धारुरकर को भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद हटा दिया. एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को कहा कि मंत्रालय ने उनके स्थान पर बॉटनी विभाग के वरिष्ठतम प्रोफेसर संग्राम सिन्हा को कार्यवाहक कुलपति नियुक्त किया है. नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर त्रिपुरा विश्वविद्यालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, “मानव संसाधन मंत्रालय ने धारुरकर को हटा दिया और उनके स्थान पर सिन्हा को नियुक्त कर दिया. शनिवार को छुट्टी होने के बावजूद धारुरकर को जबरन सिन्हा को चार्ज देने के लिए बाध्य किया गया.”

उन्होंने कहा कि प्रोफेसर वी. एल. धारुरकर इससे पहले महाराष्ट्र के मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में जनसंचार और पत्रकारिता के प्रोफेसर थे. उन्हें पिछले साल जुलाई में त्रिपुरा विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया था. धारुरकर रविवार को अगरतला छोड़ कर महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित अपने घर के लिए रवाना हो गए.

कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर संग्राम सिन्हा ने आईएएनएस से रविवार को बात करते हुए कहा, “मेरा कोलकता के अस्पताल में इलाज चल रहा था. मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से मुझे कल (शनिवार को) कहा गया कि मैं कार्यवाहक कुलपति का चार्ज लूं, जिसके बाद मैं यहां अगरतला वापस आया.” सिन्हा ने आगे कहा, “अब मंत्रालय सभी मानक प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद एक नए कुलपति की नियुक्ति करेगा.”

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