एम्स में 32 मरीजों में मिले खतरनाक रसायन, जल्द काउंसलिंग करेंगे डॉक्टर

एम्स में 32 मरीजों में मिले खतरनाक रसायन, जल्द काउंसलिंग करेंगे डॉक्टर
Spread the love

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने पहली बार शरीर में घातक रसायनों का पता लगाया है। पिछले एक महीने के भीतर एम्स ने अत्याधुनिक मशीनों के जरिए करीब 200 मरीजों के रक्त व यूरिन जांच की थी। इनमें से 32 रोगियों के शरीर में आर्सेनिक, लेड, फ्लोराइड, क्रोमियम और मरक्यूरी की काफी मात्रा मिली है। इनमें से ज्यादातर मरीज दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के हैं, जबकि कुछ यूपी और बिहार से भी हैं। ये सभी एम्स के विभिन्न विभागों की ओपीडी में इलाज कराने आए थे। डॉक्टरों ने इनके लक्षणों में भिन्नता देखी तो इन्हें हाल ही में स्थापित हुई विषाक्तता निदान केंद्र की अत्याधुनिक प्रयोगशाला में भेजा गया। खतरनाक रसायन मिलने के बाद डॉक्टर जल्द ही इन मरीजों की काउंसलिंग करेंगे और इनके शरीर में इन रसायनों के आने का स्रोत पता लगाएंगे। इनके घरों से पेयजल का सैंपल लेकर एम्स एक अलग रिपोर्ट तैयार करेगा। डॉक्टरों का कहना है कि इन रसायनों का शरीर पर बुरा असर पड़ता है। इनसे गुर्दा, लिवर निष्क्रिय होने के अलावा कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां तक पनपने लगती हैं। सोमवार को एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि देश में अब तक टॉक्सिन की जांच की कोई सुविधा नहीं थी। कुछ ही समय पहले एम्स में रोग विषयक पारिस्थितिक विषाक्तता निदान एवं अनुसंधान सुविधा केंद्र की स्थापना की गई थी। इसे ईकोटोक्सिलॉजी भी कहा जाता है। इसकी स्थापना में प्रोफेसर ए शरीफ और उनकी टीम का विशेष योगदान रहा। एम्स के डॉ. जावेद ने बताया कि अक्सर ओपीडी में मरीजों के लक्षणों का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। शरीर में टॉक्सिन का पता लगाने के उद्देश्य से ही देश में पहली बार इस तरह का प्रयोग किया गया है। इसके काफी सुखद परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। जिन मरीजों के शरीर में घातक रसायन मिल रहे हैं, उन्हें अब डॉक्टर एंटी टॉक्सिन डोज दे रहे हैं, ताकि उनके शरीर में इसका प्रभाव कम किया जा सके।

Admin

Admin

9909969099
Right Click Disabled!