हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई हर मंच पर जारी रखेंगे:अकबरुद्दीन
न्यूयॉर्क
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन का कहना है कि आतंकवाद भारत की विदेश नीति का मुख्य कारक है। न्यूयॉर्क में उन्होंने कहा, आतंकवाद भारत की विदेश नीति का प्रमुख कारक होगा क्योंकि यह हमारे लोगों को बाहरी कारकों की बजाय सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। इस साल आतंकवाद का मुकाबला करने के संदर्भ में दो बहुत महत्वपूर्ण बहुपक्षीय घटनाक्रम हुए। उन्होंने कहा, पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पुलवामा हमले के बाद भारतीय जवानों पर हुए आतंकी हमले की निंदा की। हम लगभग एक दशक से कोशिश कर रहे हैं। उसके बाद इस साल हम संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति में मसूद अजहर जैसे वैश्विक आतंकी को सूचीबद्ध कर पाए। यह दो ऐसे महत्वपूर्ण कारक हैं जो एक साल के अंदर हुए हैं।
अकबरुद्दीन ने आगे कहा, संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री जिस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे उसका केंद्र ‘इंटरनेट और साइबरस्पेस के जरिए आतंकवादी विवरणों और हिंसक चरमपंथियों का मुकाबला करना होगा। आप इसकी सराहना करेंगे यह उभरता हुआ खतरा है। हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई हर मंच पर जारी रखेंगे। अकबरुद्दीन ने भारत और अमेरिका के संबंधों को लेकर कहा कि दोनों देशों के सरिश्तों में काफी उछाल आया है। इस साल प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच चौथी बार मुलाकात होने वाली है। ये उछाल इसका प्रतिबिंब है कि भारत और अमेरिका के संबंधों में तेजी से वृद्धि हुई है।
भारत के स्थायी प्रतिनिधि से जब पूछा गया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान संयुक्त राष्ट्र आमसभा में कश्मीर मुद्दे को उठा सकते हैं तो उन्होंने कहा, मैंने आमसभा में कई थियेट्रिकल्स देखी हैं। बहुत से लोग अपने 30 मिनट के ग्लोबल अटेंशन (वैश्विक मुद्दों की तरफ ध्यान ले जाना) का इस्तेमाल मनचाहे तरीके से करते हैं। लोग उन्हें इस बात के लिए याद करते हैं कि वे क्या हैं और क्या वैश्विक मानदंड के अनुरूप नहीं है। यदि कोई देश या नेता ऐसा करना चाहता है तो वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है। मैंने अलग-अलग नेताओं को शेखी बघारते हुए सुना है। उन्हें कौन याद रखता है?