विक्रम से संपर्क नहीं हो सका, मिशन गगनयान पर ISRO का ध्यान- सिवन

विक्रम से संपर्क नहीं हो सका, मिशन गगनयान पर ISRO का ध्यान- सिवन
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बेंगलुरु/नई दिल्ही
इंडियन स्पेस रीसर्च ऑर्गनाइजेशन के साथ ही पूरा देश इस उम्मीद में थी कि चंद्रयान 2 के लैंडर विक्रम से संपर्क हो सकेगा लेकिन शनिवार तड़के से चांद पर रात शुरू होने के साथ ही सारी उम्मीदें लगभग खत्म हो गई हैं। इसरो चीफ के. सिवन ने भी कहा है कि विक्रम से संपर्क नहीं हो सका है और एजेंसी का ध्यान अब भारत के स्पेस मिशन ‘गगनयान’ पर हैं। सिवन के इस बयान के साथ ही माना जा रहा है कि अब विक्रम से संपर्क की कोई संभावना नहीं रह गई है।
लैंडर का जीवनकाल चांद के एक दिन यानी धरती के 14 दिन के बराबर है। 7 सितंबर को तड़के ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में असफल रहने पर चांद पर गिरे लैंडर का जीवनकाल शनिवार को खत्म हो गया क्योंकि 7 सितंबर से लेकर 21 सितंबर तक चांद का एक दिन पूरा होने के बाद शनिवार तड़के से चांद पर रात हो जाएगी। सिवन ने भी अब गगनयान को प्राथमिकता बताते हुए यह संकेत दे दिए हैं कि विक्रम से संपर्क की उम्मीदें टूट चुकी हैं।
सिवन ने यह भी बताया है कि ऑर्बिटर अपना काम कर रहा है। उसमें मौजूद 8 उपकरण अपना-अपना काम कर रहे हैं।उन्होंने तस्वीरें भेजना शुरू कर दिया है और वैज्ञानिक उन्हें देख रहे हैं। बता दें कि ऑर्बिटर पर 8 अडवांस्ड पेलोड हैं जो चांद की 3-डी मैपिंग कर रहे हैं और दक्षिणी ध्रुव पर पानी, बर्फ और मिनरल्स ढूंढ़ रहे हैं। ऑर्बिटर का जीवनकाल एक साल निर्धारित किया गया था, लेकिन बाद में इसरो के वैज्ञानिकों ने कहा कि इसमें इतना अतिरिक्त ईंधन है कि यह लगभग सात साल तक काम कर सकता है।

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