कृषि भवन में अफसरों ने किसानों 15 में से मानी 10 मांगे
नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश के हजारों किसान अपनी मांगों को लेकर आज दिल्ली कूच करने दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर स्थित गाजीपुर में एकत्र हुए। भारतीय किसान संगठन के नेतृत्व में यह पदयात्रा 11 सितंबर को सहारनपुर से शुरू हुई थी जो आज गाजियाबाद-दिल्ली बॉर्डर पर स्थित यूपी गेट पर पहुंचे। इस दौरान हजारों किसान यहां धरने पर बैठे हैं। किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए यूपी गेट पर भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। किसानों 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने कृषि भवन में जाकर अफसरों से वार्ता की। भारतीय किसान संगठन के अध्यक्ष पूरन सिंह ने बताया कि सरकार ने किसानों की 15 में से 5 मांगें मान ली हैं। आंदोलन को वापस नहीं लिया जा रहा है। यह अस्थाई व्यवस्था है। हम 10 दिन बाद बची हुई मांगों के संबंध में प्रधानमंत्री से इस मामले में फिर मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार हमारी सभी मांगें मानती है तो हम आंदोलन को खत्म करेंगे। अगर मांगें नहीं मानी गईं तो हम सहारनपुर से फिर आंदोलन शुरू करेंगे। इससे पहले भारतीय किसान संगठन के अध्यक्ष पूरन सिंह ने कहा था कि किसानों की मांगों के संबंध में 11 किसान प्रतिनिधि कृषि भवन में सरकारी अधिकारियों से बातचीत करने गए हैं। अगर हमारी मांगें मान ली जाती हैं तो हम दिल्ली-यूपी बॉर्डर से लौट जाएंगे, वरना हम दिल्ली कूच करेंगे। बता दें कि किसान दिल्ली के किसान घाट तक मार्च करने की जिद कर रहे हैं। वहीं गाजियाबाद प्रशासन ने किसानों से कहा था कि पैदल मार्च नहीं करने देंगे। बस का इंतजाम कर देंगे, आपको उससे दिल्ली के किसान घाट ले जाएंगे। गाजियाबाद के DM अभी किसानों से बातचीत कर रहे हैं। किसानों को रोकने के लिए वाटर कैनन, फायर ब्रिगेड, रैपिड एक्शन फोर्स समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। अपनी मांगों को लेकर नोएडा से दिल्ली की तरफ कूच कर रहे किसानों का कहना है कि सरकार उनकी बातों को सुनना ही नहीं चाहती है। किसानों का कहना है कि वो पिछले 12 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन उनसे बात करने तक को कोई नहीं आया। इसलिए अब उनके पास किसान घाट तक यात्रा निकालने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा।