हम तो विश्व जीतने निकले हैं – संघ सहचालक, भैय्या जी जोशी

हम तो विश्व जीतने निकले हैं – संघ सहचालक, भैय्या जी जोशी
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह कार्यवाह भैय्या जी जोशी ने कहा कि भारत को किसी को हराने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हम तो विश्व जीतने निकले हैं। हमने कभी भी ज्ञान को अपने तक सीमित नहीं रखा। प्राचीन काल से हम देखते आ रहे हैं कि हम लोग कहीं भी कभी भी कुछ लेने के लिए नहीं बल्कि देने के लिए गए हैं। भारत हमेशा से ज्ञान को बांटने वाला देश रहा है। विश्व का जो समाज सकारात्मक सोचता है वह भारत की इस पुष्य संपदा को नमन करता है। वह मंदिर मार्ग स्थित श्री लक्ष्मी नारायण (बिड़ला) मंदिर में आयोजित चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ के चैथे दिन बतौर यजमान पहुंचे थे। गृहमंत्री व भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह भी पहुंचे और यज्ञ में भाग लिया। उनके पहुंचते ही जयश्री राम के नारे से यज्ञ परिसर गूंज उठा। वह हालांकि, वह बोलने से अधिक सुनने और गुनने पर जोर दिया। भैय्या जी जोशी ने कहा कि लोग कहते हैं कि भविष्य भारत का है। भारत अपने श्रेष्ठ विचारों, परंपराओं और मूल्यों को लेकर आज विश्व के सामने बहुत सामथ्र्य के साथ प्रस्तुत हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्राचीर परंपरा चिंतन वेदों में समाविष्ट है। ऐसी बहुत संपदा ज्ञान के रूप में हमें प्राप्त हुई। हम इसके उत्तराधिकारी बने हैं। ईश्वरीय संकेतों के अनुसार कलयुग के इस चरण में भारत समेत विश्व में जो परिवर्तन प्रारंभ हुआ है। हम इसके साक्षी बने हैं। यह भी भाग्य है, लेकिन हम इस परिवर्तन के मूक साक्षी नहीं बल्कि इस परिवर्तन को गति देने का जो-जो प्रयास होगा हम उसके भागीदार बनेंगे। उन्होंने कहा कि हमें जो भाग्य से मिला है, उसका अहंकार तो नहीं पर आनन्द जरूर है। इसके साथ ही ये देने की प्रक्रिया को अगर निरंतर चलाना है तो देने वालों का सामथ्र्य बढ़ना चाहिए। अन्यथा देने के लिए क्या है? देना केवल वाणी या ग्रंथों से नहीं होती।

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