PMC के बाद शिवाजीराव भोसले सहकारी बैंक पर मंडरा रहा खतरा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (PMC) बैंक पर छह महीने का प्रतिबंध लगा दिया था। अब देश के एक और को-ऑपरेटिव बैंक पर इसका खतरा मंडरा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि पीएमसी के बाद अब इस बैंक में भी घोटाला सामने आया है। इस बैंक का नाम है शिवाजीराव भोसले सहकारी बैंक। शिवाजीराव भोसले सहकारी बैंक के कामकाज में गंभीर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। इसके मद्देनजर बैंक के निदेशक मडंल को भी बर्खास्त कर दिया है, जिसके बाद प्रशासक की नियुक्ति की गई है। बता दें कि बैंक के प्रमोटर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ( एनसीपी ) के नेता और महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य अनिल शिवाजीराव भोसले हैं। मामले में बैंकों के खाताधारकों के मामलों को बढ़ाने वाले ग्रुप के सदस्य मिहिर थाटे ने कहा कि फर्जी कर्जदारों को 300 करोड़ रुपये का कर्ज वितरित करने की वजह से यह मुसीबत आई है। इसकी वजह से बैंक के करीब एक लाख खाताधारकों को कं दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खाताधारक बैंक से अपने पैसे नहीं निकाल पा रहे हैं। सहकारिता आयुक्त सतीश सोने ने आदेश जारी कर कहा है कि अप्रैल 2019 में आरबीआई द्वारा एक स्पेशल जांच की गई थी। जांच के दौरान बैंक के कामकाज में भारी अनियमितताएं पाई गईं थीं। आदेश में यह भी कहा गया था कि निदेशक मंडल के स्थान पर उप-जिला रजिस्ट्रार नारायण आघव को प्रशासक नियुक्त किया गया है।