RCEP समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेगा भारत
नई दिल्ली/बंगकोक
भारत एशिया के सबसे बड़े मुक्त व्यापार क्षेत्र (RCEP) समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेगा। भारत अपने हितों से समझौता नहीं करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित इन देशों के नेता यहां तीन दिवसीय आसियान सम्मेलन, पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन और आरसीईपी व्यापार वार्ता के सिलसिले में यहां मौजूद हैं। आरसीईपी को लेकर बातचीत सात साल से चल रही है लेकिन बाजार खोलन और कुछ वस्तुओं पर प्रशुल्क से जुड़ी भारत की “कुछ नई मांगों” के कारण आरसीईपी समझौते को अंतिम रूप देने में थोड़ी देरी होने के आसर हैं।
क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौते के लिए चल रही वार्ता में आसियान के दस सदस्यों के अलावा भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, चीन इस बात पर जोर दे रहा है कि इस समझौते पर सोमवार को ही हस्ताक्षर हो जाए ताकि वह अमेरिका के साथ अपने व्यापार टकराव के प्रभाव को कुछ कम कर सके। चीन की सोच यह भी है कि इससे क्षेत्रीय आर्थिक शक्ति के रूप में उसका दावा और मजबूत होगा।
कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने सोमवार को आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और क्षेत्रीय समग्र आर्थिक समझौते (आरसीईपी) जैसे मुद्दों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट होकर सड़क से संसद से संघर्ष करने का फैसला किया। विपक्ष का आरोप है कि आरसीईपी से छोटे और मझोले व्यापारियों को घाटा होगा। इसके अलावा किसानों के हित के खिलाफ बताया।