देश की अर्थव्यवस्था को तेजी देने के लिए संघ और सरकार के बीच चार घंटे हुआ मंथन
नई दिल्ली:
देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सरकार और संघ के बीच गुरुवार को गंभीर मंथन हुआ। दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में संघ और सरकार में करीब चार घंटे तक बैठक हुई। इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, गिरिराज सिंह और संतोष गंगवार ने भाजपा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ चर्चा की।
सूचना है कि बैठक में आर्थिक मामलों से जुड़े राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 6 अनुषांगिक संगठनों के शीर्ष पदाधिकारियों ने भाग लिया। ये भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ, स्वदेशी जागरण मंच, लघु उद्योग भारती, सहकार भारती व ग्राहक पंचायत हैं। बैठक में सरकार्यवाह भैय्या जी जोशी ने भी हिस्सा लिया। हालांकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
माना जा रहा है कि इस बैठक में संघ के अनुषांगिक संगठनों ने सूक्ष्म व लघु उद्योग का मापदंड बदलने, श्रम कानून बदलाव से उपजी चिंताएं, ई-कॉमर्स व मुक्त व्यापार समझौते, समेत अन्य मामलों में अपने रुख से वित्तमंत्री को अवगत कराया है।
वैसे, बैठक में शामिल एक अनुषांगिक संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि ये समन्वय बैठक है। इसमें संगठन की क्रियाकलापों और भावी योजनाओं पर चर्चा हुई है। जो वर्ष में दो बार होती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस करके आर्थिक सुधारों को और गति देने के लिए 25,000 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। रियल एस्टेट सेक्टर समेत अन्य सेक्टरों को बड़ी राहत देने का एलान करते हुए 10 हजार करोड़ के स्पेशल फंड को मंजूरी दी है।
उन्होंने कहा था कि स्पेशल फंड में सरकार का योगदान 10 हजार करोड़ का होगा। इसमें कई और संस्थान शामिल होंगे। इसके बाद सबका मिलाकर 25,000 करोड़ का फंड तैयार होगा। शुरुआत में इसमें एसबीआइ और एलआइसी शामिल होंगे। आगे और भी संस्थान के जुड़ने की उम्मीद है जिससे फंड की राशि बढ़ सके।