वित्तीय एमरजैंसी के किनारे पहुंचा पावरकॉम पंजाबियों को लगाएगा करंट

वित्तीय एमरजैंसी के किनारे पहुंचा पावरकॉम पंजाबियों को लगाएगा करंट
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पटियाला

पंजाब में निजी थर्मल प्लांट्स से बिजली खरीदना पंजाब के उपभोक्ताओं के लिए बड़ी सिरदर्दी बनता जा रहा है। इन प्लांट के कारण वित्तीय एमरजैंसी के किनारे पहुंचा पावरकॉम पंजाब निवासियों को बिजली बिल में वृद्धि का करंट लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है, इस लिए बाकायदा तौर पर रैगुलेटरी कमीशन के दरबार में पहुंच गया है। पावरकॉम के चेयरमैन इंजी. बी.एस. सरां ने रैगुलेटरी कमीशन के दरबार में जाने की पुष्टि की है। हर साल बिजली निगम की मैनेजमैंट टैरिफ वृद्धि के लिए अपनी रिपोर्ट नवम्बर में पंजाब स्टेट रैगुलेटरी कमीशन को भेजती है।

इसमें हर साल वृद्धि की मांग की गई जाती है। इस साल मैनेजमैंट ने 17 प्रतिशत की वृद्धि के लिए हर किस्म के उपभोक्ता पर वृद्धि के लिए अपना केस भेजा है। इससे तकरीबन 68 पैसे प्रति यूनिट विस्तार होने का अनुमान है, जिसको हर किस्म के उपभोक्ता पर डाला जाएगा।  इससे पंजाब सरकार पर और बोझ भी पड़ेगा, क्योंकि पंजाब सरकार ने 14 लाख कृषि उपभोक्ताओं, दलित वर्ग को मिलती सुविधा और उद्योगपतियों को 5 रुपए प्रति यूनिट की भरपाई भी करनी है।

कमीशन के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि आयोग के पास पावरकॉम की तरफ से साल 2020-21 के लिए टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव पहुंच चुका है। अगले 3 वर्षों के लिए ‘कैपिटल इन्वैस्ट प्लान’ का प्रस्ताव भी कमीशन के पास आ गया है जिसके लिए उपभोक्ताओं, उद्योगपतियों और पावरकॉम अधिकारियों और अन्य संगठनों के साथ बैठकें शुरू हो गई हैं। वास्तव में राजपुरा थर्मल प्लांट द्वारा कोयले की धुलाई का केस जीतने पर 1424 करोड़ की देनदारी ने बिजली निगम की आॢर्थक स्थिति पर भारी बोझ डाला है।

इससे आने वाले कुछ दिनों में 96 लाख बिजली उपभोक्ताओं पर लगभग 2600 करोड़ का और बोझ पड़ेगा। पंजाब राज्य बिजली रैगुलेटरी कमीशन के सूत्रों ने बताया कि पावरकॉम पहले ही 30,000 करोड़ के कर्ज नीचे है, ऊपर से सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक राजपुरा और तलवंडी साबो के थर्मल प्लांट चला रही कंपनियां को इस साल 1424 करोड़ देना होगा और पंजाब सरकार की वित्तीय संकट की हालत में, सरकारी सबसिडी की बकाया रकम 5700 करोड़, सरकारी विभाग के बकाया बिल 1930 करोड़ के होते हुए काम चलाए जा रहे हैं।

पावरकॉम के चेयरमैन इंजी. बलदेव सिंह सरां ने कहा कि पावरकॉम हर साल की तरह इस साल भी बिजली की दरों में वृद्धि करने के लिए रैगुलेटरी कमीशन के पास पहुंच कर चुका है। उन्होंने कहा कि अब रैगुलेटरी कमीशन ने देखना है कि बिजली की दरों में कितनी वृद्धि की जाए। वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल का कहना है कि जी.एस.टी. के 6000 करोड़ न मिलने के कारण पंजाब में वित्तीय संकट गहराया है। यदि केंद्र सरकार यह रुपए रिलीज कर दे तो पंजाब में वित्तीय संकट खत्म हो सकता है। पंजाब की आय और खर्च में अंतर काफी अधिक हो गया है। इस कारण कठोर कदम उठाने की जरूरत है।

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