BSF को दोहरी चुनौती : स्मॉग ने बार्डर पर बनाई 10 फुट की दीवार

BSF को दोहरी चुनौती : स्मॉग ने बार्डर पर बनाई 10 फुट की दीवार
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अमृतसर

सुप्रीम कोर्ट, नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल व पंजाब सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद पराली से निकलने वाले धुएं को रोकने में पंजाब सरकार बुरी तरह से नाकाम रही है। हालत यह है कि धुएं के कारण रात के समय में नीला साफ आसमान नजर नहीं आता है तो वहीं बार्डर पर पराली के धुएं व मिट्टी के कणों ने मिलकर भारत-पाकिस्तान बार्डर पर 10 फुट ऊंची स्मॉग की दीवार खड़ी कर दी है जिससे बी.एस.एफ. को बार्डर पर गश्त करना मुश्किल हो गया है। सुबह 4 बजे से लेकर सुबह 7 बजे के दौरान बार्डर पर विजीबिल्टी बहुत ही कम हो जाती है।

इस विजीबिल्टी को शून्य कह दिया जाए तो यह भी गलत नहीं होगा। बार्डर ही नहीं शहरी इलाकों में भी रात के समय में आसमान में धुएं की हलकी चादर सी नजर आती है जो आंखों में चुभती भी है लेकिन बार्डर पर हालात इसलिए खतरनाक हो जाते हैं क्योंकि एक तरफ स्मॉग की दीवार तो दूसरी तरफ तस्करों व आतंकवादियों की गतिविधियों इन हालात में तेज हो जाती है। पाकिस्तान से सटे 553 किलोमीटर लंबे पंजाब बार्डर की बात करें तो पता चलता है कि गुरदासपुर व पठानकोट एयरबेस पर पहले ही दो बार आतंकी हमला हो चुका है और पंजाब के मैदानी इलाकों में भी बम विस्फोट की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

हाल ही में अमृतसर के राजासांसी कस्बा के गांव अदलीवाल में हुए बम धमाके से साबित हो चुका है कि पाकिस्तान समर्थित खालिस्तानी आतंकवादी भी पंजाब का माहौल खराब करने के प्रयास में है। बी.एस.एफ.की तरफ से खतरनाक हथियारों व गे्रनेड्स की खेप कई बार पकड़ी जा चुकी है और यह भी अलर्ट है कि सीमावर्ती इलाकों के कुछ प्वाइंट्स पर हथियारों की खेप दबी हो सकती है जिससे बी.एस.एफ.की चुनौती दोगुना हो गई है। बार्डर पर सर्दी व धुंध के मौसम में हैरोइन तस्कर भी अपनी गतिविधियां तेज कर देते हैं।

पाकिस्तान में बैठे तस्कर अमृतसर व पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में सरगर्म तस्करों के साथ पूरा संपर्क साधे हुए हैं और मौके की तलाश में रहते हैं। यह मौका स्मॉग की दीवार, धुंध या फिर गेहूं व धान की खड़ी फसल में मिल जाता है। बार्डर फैंसिंग के आस-पास स्मॉग की दीवार इसलिए भी बन जाती है क्योंकि पाकिस्तान के पंजाब इलाके में भी किसानों की तरफ से सरेआम पराली को जलाया जा रहा है जिससे भारतीय क्षेत्र व पाकिस्तानी क्षेत्र में पराली से निकलने वाला धुआं इकट्ठा हो जाता है और मिलकर स्मॉग बन जाती है।

बार्डर पर बी.एस.एफ.के जवानों की गश्त करने के रोजाना के काम-काज पर नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि एक जवान को 500 मीटर के दायरे में गश्त करनी पड़ती है। बार्डर पर यह इलाका रात के समय में और ज्यादा खतरनाक हो जाता है और विशेष रूप से धुंध व दोनों तरफ खड़ी फसल की आड़ में तस्कर जवानों को चकमा देने का प्रयास करते हैं लेकिन अभी तक इक्का-दुक्का मामलों को छोड़कर बी.एस.एफ.के जवानों ने तस्करों के इरादों को ध्वस्त ही किया है।

पिछले दो वर्षों की अवधि के दौरान यह देखने में आया है कि पाकिस्तानी तस्कर हैरोइन की खेप भेजते समय ए.के.47 जैसे अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर आते हैं और खेप को भारतीय सीमा में फैंकते समय बी.एस.एफ. के जवानों पर हमला भी करते हैं। जब से बी.एस.एफ.ने पाकिस्तानी तस्करों को मारना शुरू किया है तब से पाकिस्तानी तस्कर भी बी.एस.एफ.की गश्त पार्टी पर फायरिंग करते हैं और धुंध के सीजन में तो यह और ज्यादा खतरनाक हो जाता है।

एक तरफ जहां बी.एस.एफ.की मुस्तैदी के चलते तस्करी कम हुई है वहीं दूसरी तरफ पंजाब बार्डर पर इस समय आतंकी घुसपैठ के मामलों में बढ़ौतरी हुई है। हालांकि अभी तक किसी भी सुरक्षा एजैंसी ने पुख्ता सबूतों के तौर पर यह नहीं बताया है कि दीनानगर व पठानकोट के हमलों के आतंकवादी पंजाब बार्डर से आए हैं।

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