दिल्ली 35 प्रतिशत स्कूल बिना एनओसी के चल रहे हैं – हरीश खुराना
दिल्ली के रानी झांसी रोड स्थित अनाज मंडी में हुई अग्निकांड से दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरा देश स्तब्ध है। प्रत्येक व्यक्ति का मन विचलित और दुखी है। इस अग्निकांड ने 43 लोगों की जान ले ली, ये सोचकर भी मन सिहर उठता है। अनाज मंडी के अग्निकांड के दर्द से लोग उबरे नहीं थे कि आज सुबह उत्तर पश्चिमी दिल्ली के किराड़ी इलाके में फर्नीचर मार्केट के एक गोदाम में आग लगने की खबर आयी है, ईश्वर की कृपा से गनीमत है कि इस घटना में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। भाजपा कार्यकर्ता पूरी तरह से इस घटना पर नजर बनाए हुए है और हर संभव मदद कर रहे हैं। लेकिन इससे दिल्ली सरकार की लापरवाही साफ उजागर हो रही है, जिस तरीके दिल्ली के रियायशी इलाकों में बिजली की खुली तारों का जाल बिछा हुआ है उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है, ना दिल्ली सरकार कोई चिंता है ना दिल्ली सरकार के बिजली विभाग को। दिल्ली अनाज मंडी में हुए भीषण अग्निकांड के बाद दिल्ली के स्कूलों में फायर सेफ्टी को लेकर सांसद रमेश बिधूड़ी ने चिंता जताई है। सूचना का अधिकार अधिनियम 2015 के अंतर्गत मिली जानकारी के आधार पर सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली के स्कूलों में पढ़ रहे आपके बच्चे सुरक्षित नहीं है, दिल्ली में 1087 सरकारी स्कूलों में से 565 ऐसे हैं जिनके पास फायर एनओसी है यानी 522 स्कूलों में एनओसी ही नहीं है। यह प्रमाण पत्र जारी करवाने के लिए स्कूलों को आग से बचाव और ऐसी स्थिति से निपटने के लिए कुछ मानक पूरे करने होते हैं, यानी इन स्कूलों में आग जैसी स्थिति से निपटने के लिए स्कूलों ने कोई तैयारी नहीं रखी है। अभिभावक बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उन्हें तैयार करके हर दिन स्कूल तो भेज देते हैं लेकिन अनहोनी की आशंका उन्हें भी हमेशा लगी रहती है।