2019 में डाटा चोरी के मामले में भारत दूसरे नंबर पर, छूटे कंपनियों के पसीने…

2019 में डाटा चोरी के मामले में भारत दूसरे नंबर पर, छूटे कंपनियों के पसीने…
Spread the love

भारत वर्ष 2016 से लेकर 2018 तक साइबर अटैक के मामले में दूसरे नंबर पर था। यह सिलसिला 2019 में भी बना हुआ है। चाहें सोशल मीडिया यूजर्स हों या फिर आधार कार्ड यूजर्स, किसी का भी निजी डाटा मौजूदा समय में सुरक्षित नहीं है। इस वर्ष की पहली छमाही में कई ऐसी डाटा लीक्स की खबरें सामने आई जिसकी वजह से यूजर्स ने Facebook से कूच करना बेहतर समझा। वहीं, WhatsApp से आधार कार्ड डाटा तक लाखों यूजर्स का डाटा दांव पर रहा। हालांकि, देखा जाए तो कंपनियां इस तरह के मामलों से निपटने के लिए निरंतर काम कर रही हैं लेकिन जब तक साइबर क्राइम जड़ से खत्म नहीं हो जाता है तब तक यूजर्स को सावधान रहने की जरुरत है। यहां हम आपको वर्ष 2019 में हुए कुछ ऐसे डाटा लीक्स की जानकारी दे रहे हैं जिससे यूजर्स को काफी परेशानी झेलनी पड़ी है और कंपनियों की साख दांव पर लग गई।

Facebook डाटा लीक :
इस वर्ष मार्च महीने में Facebook के 540 मिलियन यूजर्स का डाटा लीक हुआ था। इस बात की जानकारी साइबर सिक्योरिटी फर्म Upguard ने एक रिपोर्ट के जरिए दी थी। इसके लिए ट्वीट भी किया गया था। Upguard के रिसर्चर्स ने बताया था कि मैक्सिको स्थित डिजिटल मीडिया कंपनी कल्ट्रा कलेक्टिवा ने Facebook के 540 मिलियन रिकॉर्ड्स को Amazon S3 सर्वर पर बिना किसी पासवर्ड के स्टोर किए Amazon S3 सर्वर पर बिना किसी पासवर्ड के स्टोर किए गए थे। इसके अलावा Facebook की एक और डाटा बैकअप फाइल एक ऐप मेकर कंपनी द पुल के सर्वर पर स्टोर हो गई थी। इसमें 22,000 यूजर्स का डाटा सेव था। इस डाटा में यूजर्स की फ्रेंड लिस्ट, इंटरेस्ट, फोटोज आदि जैसी जानकारियां शामिल थीं। इस मामले की जानकारी Upguard ने दी थी।

WhatsApp डाटा लीक :
WhatsApp के 1,400 से ज्यादा अकाउंट्स को दो हफ्तों के अंदर हैक कर लिया गया था। Facebook ने इस हैकिंग का आरोप इजराइल के NSO Group पर लगाया था। Facebook का कहना है कि जो हैकर्स और इजराइली सरकारी ऑफिशियल्स को लोगों के WhatsApp डाटा की जानकारी उपलब्ध करा रहा है। Facebook ने बताया था कि मई 2019 में उनके इंजीनियर्स ने हाई-कैपेसिटी साइबर अटैक को नोटिस किया था। ये अटैक्स WhatsApp वीडियो कॉलिंग के जरिए किए जा रहे थे।

Facebook ने यह दावा किया था कि NSO Group और उसकी पेरेंट कंपनी Q Cyber Technology ने अपने फ्लैगशिप मालवेयर Pegasus का इस्तेमाल कर 1400 WhatsApp यूजर्स का डाटा हैक किया था। इस बात की जानकारी कंपनी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर दी थी। आपको बता दें कि इजराइली कंपनी ने जिन 1400 लोगों की जासूसी की थी उनमें ज्यादातर हाई-प्रोफाइल लोग या जर्नलिस्ट्स थे। इस मामले को लेकर WhatsApp ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट से भी जानकारी दी है।

Microsoft डाटा लीक :
1 जनवरी 2019 से लेकर 29 मार्च 2019 तक के बीच हैकर्स ने माइक्रोसॉफ्ट सपोर्ट एजेंट का अकाउंट हैक किया था। इस बात की जानकारी खुद माइक्रोसॉफ्ट ने दी थी। कंपनी ने उस सपोर्ट एजेंट के अकाउंट को डिसेबल कर दिया था जिसे हैक किया गया था। कंपनी का कहना था, “ऐसा भी हो सकता है कि हैकर्स ने आउटलुक यूजर्स के इकाउंट को देखा या एक्सेस किया हो।” इस मामले को लेकर कंपनी ने अपने यूजर्स को एक इमेल भी भेजा था। वो ईमेल कुछ इस प्रकार है:

आपको बता दें कि जनवरी महीने में 773 मिलियन अकाउंट्स, 10 मिलियन से जयादा पासवर्ड्स की जानकारी लीक हुई थी। इसके बाद जो यूजर्स माइक्रोसॉफ्ट की @msn.com और @hotmail.com सर्विस का इस्तेमाल करते हैं उनके अकाउंट्स की जानकारी भी हैक हुई थी।

Admin

Admin

9909969099
Right Click Disabled!