धमकी का केंद्र पर असर नहीं, टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर में छूट देने से किया साफ इनकार

धमकी का केंद्र पर असर नहीं, टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर में छूट देने से किया साफ इनकार
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उद्योगपति और आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला सरकारी राहत नहीं मिलने पर कंपनी बंद करने का ऐलान कर चुके हैं। वोडाफोन-आइडिया ने सरकार से स्पेक्ट्रम भुगतान के लिए दो साल का वक्त, लाइसेंस शुल्क में, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ब्याज और जुर्माने में छूट सहित एक राहत पैकेज की मांग की थी। केंद्र सरकार ने स्पेक्ट्रम भुगतान के लिए दो साल की मांग को स्वीकार कर लिया है। है। हालांकि एजीआर के बकाया भुगतान में छूट देने से साफ इनकार कर दिया है।
राज्यसभा में केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ने इसकी जानकारी दी। दूरसंचार कंपननियों ने एजीआर बकाए पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिकाएं दायर की हैं, जिसमें जुर्माना व ब्याज शुल्क के माफी की मांग की गई है। वोडाफोन आइडिया को एजीआर बकाए के तौर पर 54,000 करोड़ रुपए, जबकि भारतीय एयरटेल को 43,000 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। कुल मिलाकर दूरसंचार कंपनियों को पर सरकार को 1.47 लाख करोड़ रुपए का एजीआर बकाए का भुगतान करना है। बता दें कि लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) की गणना एजीआर के आधार पर की जाती है। वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल जुर्माना व ब्याज को लेकर निराश है, जिस लेकर उनके अस्तित्व पर सवालिया निशान लग रहे हैं। भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने भी केंद्र सरकार से एजीआर में छूट की मांग की थी। उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एजीआर के भुगतान के फैसले ने टेलीकॉम कंपनियों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। सुनील मित्तल के मुताबिक भारत के लिए तीन प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों को रखना फायदेमंद होगा और इसके लिए सरकार को प्रयास करना चाहिए कि यह कंपनियां अपनी सेवाएं जारी रख सकें।

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